कम सोने  से रहेगी चिंता और तनाव, साइकिल चलाने से बीमारी नहीं, मोबाइल चलाने से नहीं आएगी नींद, रिसर्च से पता चला आलसी व्यक्ति को डायबिटीज का खतरा 

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नमस्कार,

आप और अपनी फैमिली की हेल्थ का ध्यान अच्छे से रख सकें। इसके लिए हम नई रिसर्च लाए हैं। इसमें आप जान सकेंगे कि किस तरह ज्यादा या कम गतिविधि  से हमार सेहत पर क्या असर पढ़ रहा है।  इसमें आपको मिलेंगे प्रमुख हेल्थ अपडेट्स, महत्वपूर्ण रिसर्च से जुड़े आंकड़े और डॉक्टरों की रेलेवेंट सलाह। इसे मात्र 2 मिनट में पढ़कर आपको सेहत से जुड़ी जरूरी। 

कम सोने से बढ़ती है चिंता और तनाव

येल यूनिवर्सिटी ने सितंबर 2024 में एक शोध प्रकाशित किया है, जिसमें नींद और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संबंध की जांच की गई है। यह शोध जर्नल ऑफ स्लीप मेडिसिन में प्रकाशित हुआ। 1,500 प्रतिभागियों पर किए गए इस अध्ययन में यह पाया गया कि नींद की कमी मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, जिससे चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

शोध में यह भी बताया गया कि गहरी और नियमित नींद से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। इसके आधार पर विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए नींद की गुणवत्ता पर ध्यान देना जरूरी है। इस शोध ने चिकित्सकों को मानसिक स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए नई दिशा प्रदान की है।

रोज दौड़ने और साइकिल चलाने से रहें स्वस्थ

हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा सितंबर 2024 में किए गए एक शोध में शारीरिक व्यायाम और स्वास्थ्य के दीर्घकालिक लाभों पर ध्यान दिया गया। यह शोध जर्नल ऑफ फिजिकल एक्टिविटी एंड हेल्थ में प्रकाशित हुआ। 5,000 प्रतिभागियों पर किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि नियमित शारीरिक व्यायाम जीवनकाल को 20% तक बढ़ा सकता है और गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करता है।

शोध में यह भी बताया गया कि कार्डियोवस्कुलर एक्सरसाइज, जैसे कि दौड़ना और साइकिल चलाना, विशेष रूप से फायदेमंद होते हैं। शोधकर्ताओं ने रोजमर्रा के जीवन में शारीरिक गतिविधियों को शामिल करने की सलाह दी है, ताकि दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किए जा सकें।

ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल से नींद पर असर

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने सितंबर 2024 में एक अध्ययन प्रकाशित किया है, जिसमें स्मार्टफोन के उपयोग और नींद की गुणवत्ता के बीच संबंध को बताया गया है। यह शोध स्लीप हेल्थ जर्नल में प्रकाशित हुआ। 2,000 प्रतिभागियों पर आधारित इस अध्ययन में यह पाया गया कि सोने से पहले स्मार्टफोन का अधिक उपयोग नींद की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाता है।

शोध में यह भी दिखाया गया कि स्मार्टफोन की नीली रोशनी नींद के चक्र को बाधित करती है, जिससे नींद की कमी और दिन भर की थकावट महसूस होती है। शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि सोने से पहले स्मार्टफोन के उपयोग को कम करना जरूरी है ताकि नींद की गुणवत्ता बेहतर हो सके।

ध्यान से मानसिक स्पष्टता में सुधार

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी ने सितंबर 2024 में ध्यान (मेडिटेशन) और मानसिक स्पष्टता के बीच संबंध पर एक शोध प्रकाशित किया। यह अध्ययन न्यूट्रिशनल न्यूरोसाइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ। 1,200 प्रतिभागियों पर आधारित इस शोध में पाया गया कि नियमित ध्यान करने से मानसिक स्पष्टता और संज्ञानात्मक क्षमताओं में सुधार होता है।

शोध में यह भी दिखाया गया कि ध्यान के अभ्यास से तनाव कम होता है और एकाग्रता में वृद्धि होती है। शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।

आलसी जीवनशैली से बढ़ता है मधुमेह का खतरा

पेन स्टेट यूनिवर्सिटी ने सितंबर 2024 में एक शोध प्रकाशित किया, जिसमें आलसी जीवनशैली और मधुमेह के बीच संबंध की जांच की गई। यह शोध जर्नल ऑफ डायबिटीज रिसर्च में प्रकाशित हुआ। 3,000 प्रतिभागियों पर किए गए इस अध्ययन में यह पाया गया कि आलसी जीवनशैली मधुमेह के जोखिम को बढ़ा देती है।

शोध में यह भी दिखाया गया कि नियमित शारीरिक गतिविधि मधुमेह के प्रबंधन में सहायक हो सकती है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि मधुमेह से बचने के लिए लोगों को अपनी जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए और शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देना चाहिए।

ये पांच शोध स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन के महत्व पर जोर देते हैं और जीवनशैली में सुधार के लिए आवश्यक सुझाव प्रदान करते हैं। इनके परिणाम चिकित्सकों, नीति निर्माताओं और आम जनता के लिए स्वास्थ्य संबंधी दिशा निर्देश प्रदान करते हैं।

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