बिहार। नवादा जिले के ददौर स्थित कृष्णा नगर दलित बस्ती में बुधवार रात 8 बजे एक भीषण घटना घटी। जिसमें दबंगों ने 80 से अधिक घरों में आग लगा दी और फायरिंग भी की। इस हमले में कई मवेशी जलकर मर गए। लेकिन सौभाग्य से किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई। घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है, और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पांच थानों की पुलिस तैनात की गई है। अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना का मुख्य कारण जमीन विवाद बताया जा रहा है, जो कोर्ट में लंबित है।
आगजनी और मवेशियों की क्षति
यह घटना नवादा जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कृष्णा नगर दलित बस्ती की है, जहां आग लगने से कई घर जलकर राख हो गए। अधिकांश घर फूस और खपरैल के थे। जो आग की चपेट में आने से पूरी तरह नष्ट हो गए। घटना की जानकारी मिलते ही दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। हालांकि, तब तक अधिकांश घरों का सामान जलकर नष्ट हो चुका था।
भूमि विवाद के कारण घटना
इस घटना का मूल कारण जमीन को लेकर विवाद है। पीड़ित दलित परिवार एक बड़े भूखंड पर रहते हैं, जिस पर दूसरे पक्ष का दावा है। विवाद का यह मामला फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन है। पीड़ित परिवारों का आरोप है कि बुधवार शाम अचानक दबंगों ने गांव पर हमला किया, मारपीट की, घरों में आग लगा दी और फायरिंग भी की।
हमले के दौरान गांववालों की पीड़ा
गांववालों का कहना है कि हमलावरों ने नंदू पासवान के नेतृत्व में गांव पर अचानक धावा बोल दिया और गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। इसके बाद कई ग्रामीणों के साथ मारपीट की गई और लगभग 80 से 85 घरों में आग लगा दी गई। गांववालों का यह भी दावा है कि वे इस भूखंड पर कई वर्षों से रह रहे हैं और यह जमीन बिहार सरकार की है। लेकिन हाल के दिनों में भू माफिया इस जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे और इसे बेच भी रहे थे। जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया, तो यह हिंसक घटना घटी।
पुलिस की कार्रवाई और सुरक्षा के इंतजाम
घटना के बाद नवादा जिले के डीएम ने बताया कि अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और ग्रामीणों के बयान के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। सुरक्षा के मद्देनजर इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और मजिस्ट्रेट की निगरानी में स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
नीतीश सरकार दलितों की सुरक्षा को लेकर बेफिक्र – नेता प्रतिपक्ष
इस घटना ने राज्य की राजनीति में भी हलचल मचा दी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर तीखा हमला किया और कहा कि नीतीश सरकार दलितों की सुरक्षा को लेकर बेफिक्र है। वहीं, बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि सरकार इस घटना को लेकर गंभीर है और मामले की जांच जारी है।
यह घटना बिहार में बढ़ते भूमि विवाद और उसमें दलितों के खिलाफ हो रही हिंसा का एक और उदाहरण है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और मामले की गंभीरता को देखते हुए अब यह देखना होगा कि आरोपियों के खिलाफ क्या सख्त कदम उठाए जाते हैं और पीड़ितों को किस प्रकार की सहायता दी जाती है।