जलालाबाद क्षेत्र में गंगा-रामगंगा नदियों के जलस्तर में गिरावट होने से बाढ़ पीड़ितों को राहत

दैनिक उजाला-24 ब्यूरो

शाहजहांपुर। तहसील जलालाबाद के सर्वाधिक प्रभावित मिर्जापुर क्षेत्र में गंगा तथा रामगंगा नदियों का जलस्तर

घटने लगा है। वहीं घरों में भरा हुआ बाढ़ का पानी निकलने लगा है। बावजूद इसके जलालाबाद के ढाईघाट तथा शमशाबाद विधूना स्टेट हॉइवे सहित सम्पर्क मार्गों पर अभी भी बाढ़ का पानी कम नहीं हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जो पानी नदियों से निकल आया है वह धीरे धीरे ही कम होगा।

गंगा एवं रामगंगा नदियों से बाढ़ग्रस्त गांवों में वायरल फीवर और चर्म रोगों ने पैर पसार दिए हैं। इसके बाद भी प्रशासनिक स्तर पर ग्रामीणों को चिकित्सीय सुविधाएं नगण्य हैं। इससे क्षेत्र में हालात बेहद खराब होने लगे हैं। यहां तक कि बुखार आने पर बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में दवा की एक गोली तक के लिए मोहताज बने हुए हैं ग्रामीण।

जबकि मिर्जापुर क्षेत्र में जलालाबाद तथा फर्रुखाबाद स्टेट हॉइवे पर गंगा के जलस्तर में गिरावट तो शुरू हो गई है लेकिन पानी में कमी नहीं आयी है। हॉइवे पर ग्राम धीयरपुरा के निकट डिप पर तेज गति से बह रहे बाढ़ के पानी मे शुक्रवार को ग्राम पृथ्वीपुर निवासी मेघनाथ कुशवाहा का 20 वर्षीय पुत्र रामतीर्थ की डूब गया। जिससे उसकी मृत्यु हो गई। फिलहाल स्टेट हॉइवे पर अभी भी ग्राम चौंरा के निकट ग्रामीण नाव के सहारे इधर से उधर जा रहे हैं। स्टेट हॉइवे से ही ग्राम चौंरा-इस्लामनगर, बसोला नगला, बांसखेड़ा व भरतपुर से पैलानी उत्तर, कटैला नगला, मस्जिद नगला गांवों को जाने वाले सम्पर्क मार्गों पर अभी भी तेज गति से बाढ़ का पानी बह रहा है। यहां ग्रामीण नाव के सहारे निकल पा रहे हैं। हालांकि रामगंगा नदी में बाढ़ का पानी तीव्र गति से घट रहा है। जरियनपुर-पहरुआ, मौजमपुर, मिर्जापुर, मोहम्मदपुर गुलड़िया, बहेरिया, चिकटिया, कुनिया, शाहनजीरपुर सम्पर्क मार्गों पर अभी भी बाढ़ का पानी पर बह रहा है। वहीं अधिकांश सम्पर्क मार्ग बाढ़ में कट गए हैं। मिर्जापुर व जरियनपुर गांवों की हरिजन बस्ती में भी अभी बाढ़ का पानी भरा हुआ है। बता दें अभी दो दिन पहले ही जिलाधिकारी ने संबंधित गांवों का दौरा कर अधिनस्थों को कड़ी चेतावनी दी थी। लेकिन सेवा के नाम पर बाढ़ग्रस्त इलाकों में कार्यरत अधिकारियों व कर्मियों की स्थिति जस की तस है। किसी ने भी बाढ़ पीड़ितों का पुरसाहाल लेने की जहमत तक नहीं उठाई है। अब बाढ़ पीड़ितों ने जिलाधिकारी से गांवों में चल रहे बुखार के रोगियों का इलाज करवाने की मांग की है।

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