दैनिक उजाला 24। शाहजहांपुर के नर्सिंग कॉलेज हॉस्टल में एक बड़ी अनहोनी होने से बच गई। जब एक छात्रा ने अपनी सूझबूझ और साहस का परिचय देकर खुद को दो आरोपियों के चंगुल से छुड़ा लिया। घटना के बाद पुलिस ने आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरा फरार है।
छात्रा कमरे से बाथरूम जाने के लिए बाहर निकली
घटना आज सुबह बरेली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक नर्सिंग कॉलेज और हॉस्टल में हुई। हॉस्टल की एक छात्रा अपने कमरे से बाथरूम जाने के लिए निकली थी। उसी दौरान दो व्यक्तियों ने उसे पीछे से पकड़ लिया और उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। उनमें से एक के पास तमंचा भी था। जिससे उन्होंने छात्रा को डराने की कोशिश की।
छात्रा ने आरोपी के हाथ में काट कर बचाई जान
छात्रा ने हिम्मत दिखाते हुए आरोपी के हाथ पर जोर से काट लिया। जिससे उसकी पकड़ ढीली पड़ गई। इसके बाद, छात्रा ने तुरंत बाथरूम में घुसकर दरवाजा बंद कर लिया और जोर-जोर से चिल्लाने लगी। उसकी आवाज सुनकर अन्य छात्राएं और सिक्योरिटी गार्ड मौके पर पहुंचे। घटना के बाद दोनों आरोपियों ने भागने की कोशिश की। लेकिन इनमें से एक, सुरेश, जो वहां टाइल्स लगाने का काम करता था, पकड़ा गया। दूसरा आरोपी अनमोल मौके से फरार हो गया।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की
सूचना मिलते ही एसपी सिटी संजय कुमार और थाना कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजीव तोमर पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने पीड़ित छात्रा के बयान दर्ज किए और सुरेश को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से एक नाजायज 315 बोर का तमंचा, एक जिंदा कारतूस, एक मोबाइल फोन और कुछ नकदी बरामद की गई। फरार आरोपी अनमोल की तलाश के लिए पुलिस ने टीमें गठित कर दी हैं।
छात्रा की बहादुरी की सराहना
इस घटना के बाद छात्रा की बहादुरी की काफी प्रशंसा की जा रही है। सोशल मीडिया पर लोग उसकी सूझबूझ और आत्मरक्षा के प्रयासों की तारीफ कर रहे हैं। यदि छात्रा ने समय पर साहस नहीं दिखाया होता, तो यह घटना एक बड़ी दुर्घटना में बदल सकती थी।
महिला सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हॉस्टल और अन्य महिला निवास स्थलों पर सुरक्षा के उपायों की कमी पर लोग चिंतित हैं। नागरिकों ने प्रशासन और पुलिस से अपील की है कि ऐसे संवेदनशील स्थानों पर नियमित रूप से गश्त की जाए और सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जाए।
यह घटना एक उदाहरण है कि किसी भी स्थिति में सूझबूझ और साहस से काम लिया जाए तो अनहोनी से बचा जा सकता है। प्रशासन को चाहिए कि वह महिला सुरक्षा के लिए और कड़े कदम उठाए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और महिलाओं को सुरक्षित माहौल मिल सके।