शाहजहांपुर के मिर्जापुर से संजय जैन एवं शैलेंद्र पांडेय की रिपोर्ट
मिर्जापुर (शाहजहांपुर) – तीन साल से राजनीतिक और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में उलझे कोलाघाट पुल का लोड टेस्ट पूरा हो जाने के बाद अब यहां से हल्के चार पहिया वाहनों के गुजरने की उम्मीद बढ़ गई है। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोलाघाट के पास एक और नए पुल की मंजूरी दे दी है। इसके लिए सरकार की ओर से 166.8322 करोड़ का बजट भी स्वीकृत कर दिया है। यह डबल लाइन पुल रामगंगा और बैगुल नदी पर जलालाबाद, शमशाबाद, मोहम्मदाबाद सौरिख बिधूना मार्ग (स्टेट हाईवे-163) पर बनाया जाएगा।
नए पुल से बदायूं, हरदोई, शाहजहांपुर और फर्रुखाबाद को लाभ मिलेगा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के अनुसार कोलाघाट पुल की तरह एक नए पुल का निर्माण होगा। जिससे क्षेत्रवासियों को बड़ा लाभ होगा। यह पुल शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, और बदायूं जिलों के लोगों के लिए आसान और सुगम आवागमन सुनिश्चित करेगा।
पुल के निर्माण की मंजूरी से खुशी की लहर
मुख्यमंत्री की इस घोषणा से शाहजहांपुर और इसके आसपास के जिलों जैसे फर्रुखाबाद, हरदोई, और बदायूं के नागरिकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। कोलाघाट पुल इन क्षेत्रों के लोगों के लिए एकमात्र मुख्य मार्ग है। इस पुल के साथ लोगों का दैनिक जीवन सीधे जुड़ा हुआ है। विशेषकर कलान और मिर्जापुर विधानसभा क्षेत्रों के लिए यह पुल जीवन रेखा है।
#UPCM @myogiadityanath ने जनपद शाहजहांपुर में जलालाबाद-शमशाबाद-मोहम्मदाबाद-सौरिख-बिधूना मार्ग (राज्य मार्ग सं.- 163) पर कोलाघाट के निकट रामगंगा नदी एवं बैगुल नदी पर निर्मित सेतु के समानान्तर नये 02 लेन सेतु, पहुंच मार्ग एवं सुरक्षात्मक कार्य के निर्माण हेतु धनराशि ₹16683.22 लाख… pic.twitter.com/KuhH4JuPdc
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 24, 2024
2021 में टूट गया था कोलाघाट पुल, अब तक नहीं हो पाया चालू
कोलाघाट पुल का निर्माण वर्ष 2007 में हुआ था। लेकिन 28 नवंबर 2021 को इसका एक पिलर धंसने के बाद पुल तीन हिस्सों में बंट गया था। जिससे यह मार्ग बंद हो गया। इस घटना के बाद कलान-मिर्जापुर क्षेत्र का शाहजहांपुर से सीधा संपर्क टूट गया था। तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने पुल की मरम्मत कराई। लेकिन केंद्रीय पुल जांच एजेंसी (CRRI) की रिपोर्ट के अनुसार यह पुल कभी भी गिर सकता था। इसलिए इसे पूरी तरह बंद कर दिया गया था।
लोड टेस्ट और के चक्कर में रुका है आवागमन
पिछले तीन सालों में करोड़ों रुपये की लागत से पुल की मरम्मत और नवनिर्माण हुआ। लेकिन इसका लोड टेस्ट न होने के कारण वाहनों का आवागमन चालू नहीं हो पाया। सितंबर 2024 में, बीएचयू आईआईटी के इंजीनियरों ने 14 से 23 सितंबर तक पुल का लोड टेस्ट किया। भारी ट्रकों और डंपरों से फुल स्पीड में परीक्षण किया गया। जिसमें पुल को स्थिर पाया गया। लोड टेस्ट रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है। लेकिन अभी तक पुल को खोले जाने की अनुमति नहीं मिली है।

पुल चालू कराने को लोगों ने किया आंदोलन
कोलाघाट पुल के बंद होने के कारण पिछले कुछ सालों से विभिन्न राजनैतिक और सामाजिक संगठनों ने कई बार धरना प्रदर्शन किया। स्थानीय अधिवक्ता, पंचायत सदस्य, विपक्षी दल और भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने पुल को चालू कराने की मांग उठाई। भूख हड़ताल और लखनऊ में मुख्यमंत्री से वार्ता तक के प्रयास किए गए।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब क्षेत्र के लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस फैसले की सराहना कर रहे हैं और पुल के जल्द निर्माण की आशा कर रहे हैं। सांसद अरुण सागर ने हाल ही में पुल के निर्माण की संभावनाओं के संकेत दिए थे। जो अब सच होती दिख रहे हैं।