Dainikujala24, शाहजहांपुर। स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत लोधीपुर छठ घाट पर श्रमदान कार्यक्रम आयोजित स्वच्छता ही सेवा 2024 अभियान के तहत जिले में स्वच्छता की जागरूकता को लेकर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
रविवार सुबह लोधीपुर स्थित छठ घाट पर जिला गंगा समिति, नगर निगम, गंगा विचार मंच और नेहरू युवा केंद्र के तत्वावधान में स्वच्छता एवं श्रमदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला संयोजक गंगा विचार मंच एवं जिला गंगा समिति के सदस्य राकेश कुमार पाण्डेय ने की।
गंगा स्वच्छता की शपथ ली
स्वच्छता अभियान की शुरुआत गंगा स्वच्छता शपथ के साथ की गई। जिसमें राकेश कुमार पाण्डेय ने हस्ताक्षर कर गंगा घाटों की सफाई और संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया। जिला परियोजना अधिकारी (नमामि गंगे) विनय कुमार सक्सेना ने जानकारी दी कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नदियों और घाटों की स्वच्छता को सुनिश्चित करना है।
जो प्रभागीय वनाधिकारी और जिला गंगा समिति के सचिव नवील खण्डेलवाल के निर्देशन में संचालित किया गया। इस आयोजन का मकसद छठ घाट की सफाई कर धार्मिक आयोजनों और नदियों के किनारों को स्वच्छ बनाए रखना है, जो नदियों के प्रदूषण को रोकने में अहम भूमिका निभाएगा।
कार्यक्रम में गंगा समग्र के प्रांतीय टोली सदस्य संत कुमार मिश्रा ने भी सभी उपस्थित श्रमदानदाताओं को गंगा स्वच्छता शपथ दिलाई। इसके माध्यम से सभी को यह संकल्प दिलाया गया कि वे गंगा और अन्य नदियों को स्वच्छ रखने के लिए नियमित प्रयास करेंगे। घाट संयोजक सावित्री शर्मा ने बताया कि लोधीपुर छठ घाट पर हर महीने पाक्षिक गंगा आरती का आयोजन किया जाता है, जिसके बाद घाटों की सफाई अत्यावश्यक हो जाती है, विशेषकर बाढ़ के बाद।
घाट को कचरा मुक्त बनाने का संकल्प लिया
स्वच्छता श्रमदान कार्यक्रम में गंगा समिति के सदस्य और विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सफाई के दौरान प्लास्टिक कचरा, बोतलें, मूर्तियां, पूजन सामग्री, कूड़ा-कचरा, और जंगली घास को हटाया गया। घाटों की सफाई के इस विशेष अभियान में गंगा सेवक आशु पाण्डेय, वर्क एनजीओ के प्रतिनिधि नावेद और कामरान, गंगा सेवक हिमांशु सक्सेना, विशाल सहित कई अन्य स्वयंसेवकों का विशेष योगदान रहा। सभी ने मिलकर घाट को कचरा मुक्त बनाने और भविष्य में भी इसे स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प लिया।
यह श्रमदान कार्यक्रम न केवल गंगा नदी के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था, बल्कि इससे स्थानीय समुदाय के लोगों को भी नदियों की स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया। स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत इस प्रकार के आयोजन लोगों को अपने पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी समझने और स्वच्छता के लिए प्रेरित करने में सफल सिद्ध हो रहे हैं।