फर्रुखाबाद में 23 मकानों पर बुलडोजर, 50 वर्षों से बसे यादव परिवार बेघर, अखिलेश यादव ने की निंदा

Dainikujala24। फर्रुखाबाद जिले के नवाबगंज ब्लॉक के उखरा गांव में प्रशासन ने 23 मकानों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें ध्वस्त कर दिया। इन मकानों में 50 वर्षों से यादव परिवार रह रहे थे। यह मकान बंजर भूमि पर बने थे, जिसे प्रशासन ने अवैध कब्जा बताया। अधिकारियों का कहना है कि यह जमीन ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित की जा रही है। इस कार्रवाई ने क्षेत्र में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।

पहले दिन 18 मकानों को ध्वस्त किया

फर्रुखाबाद में 23 मकानों पर बुलडोजर, 50 वर्षों से बसे यादव परिवार बेघर, अखिलेश यादव ने की निंदा

शनिवार को प्रशासन ने उखरा गांव में पहले चरण की कार्रवाई के तहत 18 मकानों को ध्वस्त किया। इसके बाद रविवार को 5 और मकान गिराए गए। मौके पर एसडीएम सदर रजनीकांत, सीओ अजय वर्मा, तहसीलदार श्रद्धा तपांडे और भारी पुलिस बल के साथ पांच बुलडोजर लाए गए थे। अधिकारियों ने ग्रामीणों को मकान खाली करने और सामान निकालने के निर्देश दिए। हालांकि, ग्रामीणों ने प्रशासन से मोहलत मांगी, लेकिन उनकी गुहार अनसुनी रही। महिलाओं ने विरोध में बुलडोजर के सामने खड़े होकर कार्रवाई रोकने की कोशिश की, मगर अधिकारियों ने किसी की बात नहीं सुनी और मकानों को गिरा दिया गया।

प्रशासन का कहना अवैधरूप से किया था कब्जा

प्रशासन के मुताबिक, यह जमीन बंजर थी और ग्रामीणों ने इस पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था। ग्राम प्रधान ने साल 1990 में इन यादव परिवारों को यहां मकान बनवाने में मदद की थी। प्रशासन ने जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए ग्रामीणों को कई बार नोटिस भेजे थे। लेकिन ग्रामीणों ने जिलाधिकारी के न्यायालय में मुकदमा दायर कर दिया। हालांकि, अदालत में ग्रामीण मुकदमा हार गए। जिसके बाद प्रशासन ने दोबारा नोटिस जारी करते हुए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की।

तहसीलदार श्रद्धा तपांडे ने बताया कि डेढ़ हेक्टेयर बंजर भूमि को ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित किया जा रहा है। जमीन को ग्राम समाज की सहमति से कब्जा मुक्त किया जा रहा है ताकि राज्य सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन हो सके।

अखिलेश यादव ने कहा सरकार बदला के भावना से काम कर रही है

फर्रुखाबाद में 23 मकानों पर बुलडोजर, 50 वर्षों से बसे यादव परिवार बेघर, अखिलेश यादव ने की निंदा

इस कार्रवाई के बाद यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “यह भाजपा की प्रतिशोधपूर्ण राजनीति का वीभत्स चेहरा है। भाजपा बसे-बसाए घरों को गिराकर खुश होती है। यह राजनीतिक क्रूरता की हद है कि 50 साल से रह रहे गरीब परिवारों को बेघर किया जा रहा है।”

उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्रवाई से कई बुजुर्ग, बीमार, बच्चे, महिलाएं और परिवार भरी बरसात में बेघर हो गए हैं। यह कार्रवाई मानवता के खिलाफ है और भाजपा सरकार की जनता विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।

ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर बनने की बात कह रहा प्रशासन 

इस घटना ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है, और यादव समुदाय में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें न्याय की उम्मीद थी। लेकिन प्रशासन ने उनके वर्षों पुराने घरों को तोड़कर उन्हें बेघर कर दिया। वहीं, प्रशासन अपनी कार्रवाई को पूरी तरह कानूनी और आवश्यक बता रहा है। ताकि ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को अंजाम दिया जा सके।

स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और आगे इस पर राजनीतिक दलों और सरकार के बीच टकराव बढ़ने की संभावना है।

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