एनआरएमयू सौ साल का विश्वास और संघर्ष का प्रतीक

Dainikujala24, शाहजहांपुर। नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन (एनआरएमयू) ने रेल कर्मियों के बीच एक मजबूत और भरोसेमंद संगठन के रूप में अपनी पहचान बनाई है। रविवार को रोजा के केरीज एंड वैगन कार्यालय में आयोजित एक बैठक का आयोेजन किया गया था।

एनआरएमयू न केवल एक संगठन नहीं भारतीय रेल कर्मियों का विश्वास

एनआरएमयू के असिस्टेंट मंडल मंत्री नरेंद्र त्यागी ने यूनियन की सदी भर की यात्रा और उसके संघर्षों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि एनआरएमयू न केवल एक संगठन है। बल्कि यह भारतीय रेल कर्मियों के विश्वास का प्रतीक है। यह संगठन आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन से संबद्ध है और पूरी तरह से गैर-राजनीतिक है, जो कर्मचारियों के हक की लड़ाई में हमेशा अग्रणी रहा है।

त्यागी बोले- महत्वपूर्ण मुद्दों पर सफलतापूर्वक संघर्ष किया

त्यागी ने एनआरएमयू की स्थापना के समय की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए बताया कि जब रेल कर्मियों के लिए काम के घंटे तय नहीं थे। बोनस की कोई व्यवस्था नहीं थी। वेतन आयोग और अन्य सुविधाएं नहीं थीं। तब इस संगठन ने संघर्ष शुरू किया। धीरे-धीरे यह संगठन रेल कर्मियों के लिए तमाम अधिकार और सुविधाएं हासिल करने में सफल रहा। एनआरएमयू ने वेतन आयोग, बोनस, पेंशन, और काम के घंटे निर्धारित करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सफलतापूर्वक संघर्ष किया है।

शाखा सचिव शिव कुमार सक्सेना ने बैठक में एनआरएमयू के ऐतिहासिक योगदान को सराहा और बताया कि इस संगठन ने कर्मचारियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए हमेशा संघर्ष किया है। मंडल उपाध्यक्ष सुनील तिवारी ने कर्मचारियों से अपील की कि आगामी चुनाव में एनआरएमयू को वोट देकर संगठन को और मजबूत करें।

बैठक में अध्यक्ष राम अवतार शर्मा ने सभी उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया। इस महत्वपूर्ण बैठक में जय पाल सिंह, शैलेंद्र सम्राट, सुशील वर्षा, अंकित गुप्ता, आशीष पाल और कई अन्य सदस्य मौजूद थे।

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