मेरठ। लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज (एलएलआरएम) में सोमवार देर रात जूनियर डॉक्टर और मरीज के तीमारदारों के बीच हुई मारपीट के बाद हालात गंभीर हो गए। घटना के बाद से नाराज 250 डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया और काम का बहिष्कार कर दिया। इस हड़ताल का असर सीधे तौर पर मरीजों पर पड़ा। जिन्हें इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ा।
कैसे शुरू हुआ विवाद, जूनियर डॉक्टर मनीष के सिर पर गंभीर चोट, 20 टांके आए
सोमवार रात को मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में एक महिला मरीज की गंभीर हालत में भर्ती किया गया था। इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। जिसके बाद मरीज के तीमारदार और जूनियर डॉक्टरों के बीच कहासुनी हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि मारपीट तक पहुंच गई। इस दौरान जूनियर डॉक्टर मनीष के सिर पर गंभीर चोट लगी। जिसके चलते उन्हें 20 टांके आए। इस घटना ने डॉक्टरों में आक्रोश पैदा कर दिया।

जूनियर डॉक्टर और अन्य डॉक्टर एकजुट हो गए
जूनियर डॉक्टर मनीष पर हमले के बाद मेडिकल कॉलेज के सभी जूनियर डॉक्टर और अन्य डॉक्टर एकजुट हो गए। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी और सुरक्षा की मांग करते हुए काम का बहिष्कार कर दिया। सुबह होते ही डॉक्टरों ने ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दीं और कॉलेज परिसर में धरने पर बैठ गए। डॉक्टरों का साफ कहना है कि जब तक मारपीट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होगी।वे काम पर नहीं लौटेंगे।
गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर करना
हड़ताल के चलते अस्पताल की सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गईं। मरीज और उनके तीमारदार इलाज के लिए इधर-उधर भटकते रहे, लेकिन कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं था। ओपीडी के बाहर मरीजों की लंबी लाइनें लगी रहीं। लेकिन काउंटर पर पहुंचने पर हड़ताल की सूचना मिलने से उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा। कई गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर करना पड़ा।

कार पर हमला, तीमारदार की पिटाई की
मंगलवार को इस्तीफा दे चुके कुछ डॉक्टरों ने एक मरीज के तीमारदार की कार पर हमला कर दिया। यह घटना तब हुई जब एक तीमारदार ने इलाज न मिलने पर नाराजगी जाहिर की और गुस्से में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। इससे गुस्साए डॉक्टरों ने उसकी कार को नुकसान पहुंचाया और उसे खींचकर पीटा। पुलिस की मौजूदगी में यह घटना हुई। जिससे माहौल और ज्यादा तनावपूर्ण हो गया।
डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सवाल
डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं और उन्होंने कई बार अस्पताल प्रशासन और पुलिस से सुरक्षा की मांग की है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस बार की घटना में भी सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षाकर्मी मौके पर मौजूद नहीं थे, जिससे स्थिति बिगड़ गई। डॉक्टरों ने मांग की है कि इमरजेंसी वार्ड के बाहर स्थायी पुलिस चौकी स्थापित की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
डॉक्टरों की मांगों को गंभीरता से लेकर समझाने का प्रयास
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने कहा कि डॉक्टरों की मांगों को गंभीरता से लिया जा रहा है और उन्हें समझाने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों ने भी घटनास्थल का दौरा किया और डॉक्टरों को आश्वासन दिया कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि डॉक्टरों की तहरीर पर महिला के बेटे और उसके दोस्त के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. साक्षी ने कहा कि अगर 12 घंटे के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई। तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।