बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, अवैध कार्रवाई पर पीड़ित को मुआवजा दिया जाए

Dainikujala24।सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने का फैसला किया है। जिसमें कहा गया है कि इस संबंध में कोई भी कार्रवाई तब तक नहीं की जाएगी जब तक कोर्ट का निर्णय नहीं आ जाता। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। लेकिन किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाने का आरोप नहीं सहा जाएगा।

मध्य प्रदेश के छतरपुर में हाजी शहजाद अली के बंगले को तोड़ने की घटना के संदर्भ में सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई और जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि यदि किसी की प्रॉपर्टी को अवैध तरीके से नुकसान पहुंचाया गया। तो उसका पुनर्निर्माण होगा और पीड़ित को मुआवजा दिया जाएगा।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि सरकारों ने जो भी सुझाव दिए हैं। वे सभी समुदायों के लिए समान होंगे। इसके अलावा, न्यायालय ने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होती है। तो वह बुलडोजर एक्शन का आधार नहीं हो सकता।

सुनवाई के दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। जैसे नोटिस जारी करने की प्रक्रिया और अवैध अतिक्रमण के मामलों में जनता की सुरक्षा की प्राथमिकता। कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि एक ऑनलाइन पोर्टल होना चाहिए जिससे नोटिस की स्थिति और अन्य जानकारी ट्रैक की जा सके।  इस मामले में अभी निर्णय का इंतजार है, और सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि कार्रवाई में कोई भी अवैधता नहीं होनी चाहिए।

फैसला सुरक्षित: सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर निर्णय सुरक्षित रख लिया है, जिससे देशभर में बुलडोजर एक्शन पर रोक रहेगी।

अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई: कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई जारी रहेगी, जिसमें किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाने की अनुमति नहीं होगी।

पुनर्निर्माण और मुआवजा: अगर किसी की संपत्ति को अवैध तरीके से नुकसान पहुंचाया गया, तो उसका पुनर्निर्माण किया जाएगा और पीड़ित को मुआवजा दिया जाएगा।

नोटिस प्रक्रिया: कोर्ट ने सुझाव दिया कि अवैध अतिक्रमण के मामलों में नोटिस की प्रक्रिया को डिजिटल रूप से ट्रैक किया जाना चाहिए।

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