बहराइच। जिले के महसी क्षेत्र में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक हिंसा की घटना ने समूचे इलाके में तनाव पैदा कर दिया है। यह घटना 13 अक्टूबर 2024 को उस समय घटी जब विसर्जन जुलूस के दौरान लाउडस्पीकर के तेज संगीत को लेकर विवाद शुरू हुआ। जिसके बाद हिंसक झड़प में पत्थरबाजी, गोलीबारी और आगजनी हुई। इस हिंसक झड़प में एक युवक की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के लिए निकला जुलूस महसी के एक मुस्लिम बहुल इलाके से गुजर रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस दौरान जुलूस में लाउडस्पीकर पर बज रहे संगीत को लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई, जिससे वाद-विवाद शुरू हो गया। जल्द ही यह विवाद सांप्रदायिक झड़प में बदल गया, और दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई।
स्थिति तब और बिगड़ गई जब इस झड़प के दौरान गोलीबारी शुरू हो गई। जिसमें 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई। राम गोपाल को गोली लगने के बाद अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद इलाके में तनाव फैल गया और बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। देखते ही देखते कई दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
पुलिस ने धारा 144 लागू की
घटना की गंभीरता को देखते हुए बहराइच पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और हालात को काबू में करने की कोशिश की। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इसके साथ ही, महसी क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई और भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) वृंदा शुक्ला ने बताया कि हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि घटना में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है और अब तक 30 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिंसा के दौरान गोलीबारी के आरोपी सलमान को भी गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसके घर से गोली चली थी। पुलिस के अनुसार, सलमान के घर से हथियार भी बरामद किए गए हैं।
सीएम ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया
घटना के बाद बहराइच प्रशासन पूरी तरह अलर्ट हो गया है। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और अन्य उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रदेश में किसी भी तरह की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाएगी और प्रशासन द्वारा शांति व्यवस्था बहाल की जाएगी।”
इसके अलावा, प्रशासन ने इलाके में कर्फ्यू जैसे हालात लागू कर दिए हैं और इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं ताकि अफवाहों के फैलाव को रोका जा सके।
अखिलेश यादव ने जताया दुख
“बहराइच को लेकर सबसे पहले मेरी अपील है कि जो जो पक्ष उसमें है सभी कानून व्यवस्था बनी रहे इस दिशा में काम करें, जो घटना हुई वो दुःखद है।”
– माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी pic.twitter.com/WONS480bMV
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 14, 2024
विपक्षी नेताओं ने सरकार पर साधा निशाना
बहराइच की इस घटना ने स्थानीय जनता के बीच भी गुस्सा और डर पैदा कर दिया है। कई स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन ने समय रहते हिंसा को रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाए। इस हिंसा में सबसे ज्यादा नुकसान व्यापारियों को हुआ है, जिनकी दुकानें और वाहन जलकर खाक हो गए।
वहीं राजनीतिक दलों ने भी इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने इस घटना को प्रदेश की “कानून व्यवस्था की नाकामी” करार दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में “जंगलराज” कायम है और जनता असुरक्षित महसूस कर रही है।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोज राय धूपचंडी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की और सरकार पर “प्रशासनिक विफलता” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार सांप्रदायिक हिंसा हो रही है, और सरकार इसे रोकने में पूरी तरह असफल रही है।
इस हिंसा में घायल हुए लोगों का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है। कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रशासन ने घायलों के इलाज के लिए विशेष मेडिकल टीम गठित की है और उन्हें हर संभव मदद उपलब्ध कराई जा रही है।