कानपुर में सपा विधायक और जिलाध्यक्ष PDA सम्मेलन में भिड़े, सपा की अंतर्कलह सामने आई

कानपुर। PDA सम्मेलन में सपा विधायक और सपा जिलाध्यक्ष भिड़ गए। शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में सपा विधायक अमिताभ बाजपेई और जिलाध्यक्ष फजल महमूद के बीच मंच पर ही तीखी नोकझोंक हो गई। यहां सीसामऊ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर कार्यक्रम चल रहा था।  इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल भी मौजूद थे। लेकिन उनकी कोशिशों के बावजूद दोनों के बीच तनाव बढ़ता रहा।

विधायक और जिलाध्यक्ष के बीच टकराव

शुक्रवार को हंगामे की शुरुआत तब हुई। जब आर्यनगर से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने अपने संबोधन के दौरान इरफान सोलंकी की जेल में बंदी पर टिप्पणी की। इस पर प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें टोकते हुए कहा कि यह समीक्षा बैठक है। जहां राजनीतिक बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। इस टोकाटाकी से विधायक नाराज हो गए और मंच पर माइक रखकर बोलना बंद कर दिया। इसी बीच, जिलाध्यक्ष फजल महमूद ने भी तंज कसते हुए कहा, “विधायक खुद को अखिलेश यादव से ऊपर समझने लगे हैं।”

विधायक अमिताभ बाजपेई के गुस्से की एक बड़ी वजह यह भी बताई जा रही है कि उन्हें मंच पर पीछे की जगह दी गई थी। जबकि जिलाध्यक्ष की फोटो होर्डिंग में बड़ी और प्रमुखता से लगाई गई थी। इसको लेकर पहले से ही पार्टी के अंदर असंतोष था। जो सम्मेलन के दौरान सामने आ गया।

नसीम सोलंकी भावुक होकर रो पड़ीं

विवाद के दौरान सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी, जो पहली बार मंच पर मौजूद थीं7 भावुक होकर रो पड़ीं। हालांकि, बाद में विधायक मो. हसन रूमी ने कहा कि सोलंकी के पति इरफान सोलंकी का जेल से फोन आ गया था। जिससे वह भावुक हो गई थीं।

मंच पर हुए इस हंगामे के बाद सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने की कोशिश की। लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। देर शाम तक पार्टी के अन्य पदाधिकारी भी मान-मनौव्वल में लगे रहे।

विधायकों ने किया विवाद से इनकार

मीडिया से बातचीत में विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा, “कोई बड़ा विवाद नहीं था, यह आपसी बातचीत थी। हम सभी अखिलेश यादव के नेतृत्व में एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे।” हालांकि, होर्डिंग में फोटो और मंच पर स्थान को लेकर चल रही अनबन ने पार्टी के भीतर के मतभेदों को उजागर कर दिया है।

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