झांसी। मोंठ कस्बे में यादव समाज ने एक ऐसा निर्णय लिया है। जो समाज सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। समाज की बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब तेरहवीं पर भोज आयोजित नहीं किया जाएगा। यादव समाज ने यह भी घोषणा की कि न तो वे खुद तेरहवीं का भोज देंगे और न ही किसी अन्य के तेरहवीं भोज में शामिल होंगे। जो इस निर्णय का उल्लंघन करेगा। उसका समाज बहिष्कार करेगा।
गरीब परिवारों के लिए राहत तेरहवीं भोज भारतीय समाज की एक प्रथा रही है, लेकिन बढ़ती महंगाई के साथ यह परंपरा गरीब परिवारों के लिए एक आर्थिक बोझ बन गई है। कई बार गरीब परिवारों को कर्ज लेकर यह भोज कराना पड़ता है। यादव समाज का मानना है कि इस अनावश्यक खर्च को रोकने के लिए यह कदम उठाना बेहद जरूरी था। ताकि मृतक के परिवार पर आर्थिक बोझ न पड़े।
ब्राह्मणों और कन्याओं को भोज, बाकी बहिष्कार यादव समाज ने यह भी निर्णय लिया है कि तेरहवीं के अवसर पर केवल ब्राह्मणों और कन्याओं को भोज कराया जाएगा। बाकी किसी भी व्यक्ति या समुदाय के लिए भोज आयोजित नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही, किसी भी मृत्यु भोज का कार्ड छपवाने पर भी पाबंदी लगाई गई है।

समाज में जागरूकता और प्रचार-प्रसार इस फैसले को व्यापक स्तर पर प्रचारित करने की योजना है, ताकि दूसरे गांवों और समाजों में भी इस विचारधारा का प्रसार हो सके। बैठक की अध्यक्षता कर रहे रिटायर्ड शिक्षक रघुवीर सिंह यादव ने कहा कि इस फैसले का उद्देश्य मृत्यु भोज पर होने वाले अनावश्यक खर्च को रोकना है और समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करना है।