खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित हुए मनु, गुकेश सहित चार खिलाड़ी, पैरा एथलीटों को मिली सराहना

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रीय खेल पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर और शतरंज विश्व चैंपियन डी गुकेश ने मंच की शोभा बढ़ाई। वहीं, पैरा एथलीटों को मिली सराहना ने समारोह में उपस्थित सभी का दिल जीत लिया, और उनके लिए सबसे ज्यादा तालियां बजीं।

समारोह के बाद, मनु भाकर ने कहा, “सब्र का फल मीठा होता है। मेरा यही मानना है। खेलरत्न देश के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से है। मैं उन सभी का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मेरा साथ दिया।

हरमनप्रीत सिंह, जो तोक्यो और पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे, पेरिस ओलंपिक में टीम के कप्तान भी थे। दूसरी ओर, प्रवीण ने पैर में विकार के साथ पैदा होने के बावजूद तोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीता और पेरिस ओलंपिक में उसे स्वर्ण में बदल दिया।

गुकेश ने पिछले महीने चीन के डिंग लिरेन को हराकर शतरंज विश्व चैंपियनशिप जीती थी। वह ऐसा करने वाले विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं।

इस अवसर पर खेल मंत्री मनसुख मांडविया, संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू, और खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी भी उपस्थित थे।

32 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार, जिनमें रिकॉर्ड 17 पैरा एथलीट शामिल हैं।
खेलरत्न पुरस्कार विजेताओं को 25 लाख रुपये नकद मिलते हैं।
अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं को 15 लाख रुपये नकद मिलते हैं।

परंपरा से हटकर राष्ट्रपति ने सम्मानित किया
राष्ट्रपति मुर्मू ने परंपरा से हटकर व्हीलचेयर पर निर्भर कुछ खिलाड़ियों के लिए खुद आगे बढ़कर सम्मानित किया। इनमें प्रणव सूरमा शामिल हैं, जिन्होंने पैरालंपिक में क्लब थ्रो में रजत पदक जीता था और जिन्हें अर्जुन पुरस्कार प्रदान किया गया।

स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर बैसाखियों के सहारे

समारोह का सबसे भावुक पल वह था जब भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर बैसाखियों के सहारे अर्जुन पुरस्कार (लाइफटाइम) लेने राष्ट्रपति तक पहुंचे। 80 वर्ष के युद्ध नायक पेटकर को 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में कमर के नीचे गोली लगी थी। वह मुक्केबाज थे, लेकिन बाद में पैरा तैराक बन गए और 1972 पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। जब वह पुरस्कार लेने आए, तो तालियां तब तक बजती रहीं जब तक वह अपनी सीट पर वापस नहीं बैठ गए। उनके लिए तालियां बजाने वालों में अभिनेता कार्तिक आर्यन भी थे, जिन्होंने उन पर बनी फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ में मुख्य भूमिका निभाई थी।

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