बीजिंग, एजेंसी। चीन की जनसंख्या में लगातार तीसरे वर्ष गिरावट दर्ज की गई है। 2024 के अंत तक चीन की आबादी लगभग 1.40 अरब रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब 14 लाख कम है। गिरती जनसंख्या और वृद्ध होती आबादी ने सरकार और अर्थव्यवस्था के सामने गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
बुजुर्ग आबादी का बढ़ता प्रतिशत
चीन में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की संख्या कुल आबादी का पांचवां हिस्सा है। यह आंकड़ा 31 करोड़ से अधिक है और 2035 तक यह 30% से ऊपर पहुंचने का अनुमान है। इस समस्या के कारण सरकारी सेवानिवृत्ति आयु में बदलाव की चर्चा शुरू हो गई है।
गिरावट के कारण
गिरती जन्मदर और बढ़ती महंगाई प्रमुख कारण हैं। युवा उच्च शिक्षा और करियर को प्राथमिकता दे रहे हैं और देर से विवाह कर रहे हैं। यहां तक कि विवाह के बाद भी बच्चे पैदा करने से बच रहे हैं।
सरकारी नीतियां भी विफल
चीन ने 2016 में दो और 2021 में तीन बच्चों की अनुमति दी, लेकिन यह कदम प्रभावी नहीं रहा। नकद भुगतान और अन्य प्रोत्साहन भी जनसंख्या वृद्धि में मददगार साबित नहीं हो पाए।
चीन अब जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों की सूची में शामिल हो गया है, जहां जनसंख्या में गिरावट हो रही है। वहीं, भारत ने 2023 में 142.86 करोड़ की आबादी के साथ चीन को पीछे छोड़ दिया था।
पिछले साल तीन देशों की आबादी
भारत – 142.86 करोड़
चीन – 141.07 करोड़
अमेरिका – 33.49 करोड़