प्रयागराज। महाकुंभ में शनिवार सुबह 10 बजे तक 19 लाख 80 हजार श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान किया। प्रशासन ने यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि 10 लाख कल्पवासी और 9 लाख 84 हजार अन्य श्रद्धालुओं ने इस पवित्र अवसर पर डुबकी लगाई। शुक्रवार, 17 जनवरी को सात लाख श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके थे। वहीं, 18 जनवरी तक सात लाख 72 हजार श्रद्धालु इस पवित्र स्थल पर स्नान कर चुके हैं।
महाकुंभ में बाबाओं का विशेष आकर्षण
महाकुंभ में साधु-संतों और बाबाओं का अद्भुत स्वरूप श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इनमें सबसे ज्यादा ध्यान खींचने वाले हैं गोल्डेन बाबा। गोल्डेन बाबा का असली नाम श्री श्री 1008 अनंत श्री विभूषित स्वामी नारायण नंद गिरिजी महाराज है। वह निरंजनी अखाड़े से संबंध रखते हैं और सनातन धर्म फाउंडेशन के अध्यक्ष हैं।
छह किलो सोने के आभूषण पहनते हैं गोल्डन बाबा
गोल्डन बाबा अपने शरीर पर लगभग छह किलो सोने के आभूषण धारण करते हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि वह पिछले 15 सालों से ये आभूषण पहन रहे हैं। इन आभूषणों में रुद्राक्ष, मूंगा, मणि, नीलम, पन्ना और अन्य कीमती पत्थर शामिल हैं, जो पूजा और प्रार्थना में उपयोग किए जाते हैं।
बाबा ने बताया कि ये सभी आभूषण हिंदू देवी-देवताओं जैसे नटराज, नरसिंह, मुरुगन, भद्रकाली आदि को समर्पित हैं। उनके आभूषणों में श्री यंत्र का निशान भी मौजूद है। बाबा ने यह भी बताया कि उनके पिता द्वारा दिया गया रुद्राक्ष उन्हें सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है, जिसका संचार अन्य लोगों तक होता है।
बाबा का कहना है कि इन आभूषणों से उन्हें पूजा-पाठ के दौरान सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। उनका मानना है कि अगर वह पैंट-शर्ट पहनकर मेले में आते, तो शायद कोई उनका इंटरव्यू नहीं लेता। उन्होंने कहा, “भगवान ने मुझे यह मौका दिया है कि मैं लोगों के बीच सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकूं।”
श्रद्धालुओं और साधुओं का संगम
महाकुंभ मेले में हर कोई अपनी अलग पहचान और परंपराओं के साथ उपस्थित है। गोल्डेन बाबा जैसे साधुओं की उपस्थिति न केवल मेले की शोभा बढ़ा रही है, बल्कि श्रद्धालुओं को आकर्षित भी कर रही है। महाकुंभ का यह दृश्य सनातन परंपराओं और आस्थाओं का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है।