छत्तीसगढ़। गरियाबंद जिले में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में 20 नक्सलियों को मार गिराया है। मारे गए नक्सलियों में एक करोड़ रुपये का इनामी जयराम उर्फ चलपति भी शामिल है, जो नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का सदस्य था। इसके अलावा, मनोज और गुड्डू जैसे शीर्ष नक्सली नेता भी इस मुठभेड़ में ढेर हुए हैं। मुठभेड़ रविवार रात को शुरू हुई थी और मंगलवार सुबह तक यह बड़ी खबर आई। हालांकि, ऑपरेशन अभी भी जारी है।
नक्सलियों के ठिकाने पर ड्रोन की मदद से नजर
गरियाबंद और ओडिशा के नुआपाड़ा जिले के भालू डिग्गी के जंगल में यह मुठभेड़ हुई। सुरक्षा बलों ने लगभग 60 नक्सलियों को चारों ओर से घेर लिया है। इस ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ पुलिस, ओडिशा पुलिस, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन की 10 टीमें शामिल हैं। नक्सलियों के ठिकाने पर ड्रोन की मदद से नजर रखी जा रही है। बैकअप पार्टी भी मौके पर भेजी गई है। पहले फोर्स ने नक्सलियों को 15-20 किलोमीटर के घेरे में घेरा था, लेकिन अब वे मात्र 3 किलोमीटर के इलाके में सिमट गए हैं। मारे गए नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं और उनके पास से बड़ी संख्या में हथियार भी मिले हैं, जिनमें एके-47, इंसास और एसएलआर शामिल हैं।
इस मुठभेड़ में एक एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) का जवान घायल हुआ है, जिसे एयरलिफ्ट करके रायपुर लाया गया। जवान के पैर में गोली लगी है। सुरक्षा बलों की सतर्कता और समन्वय की वजह से इस ऑपरेशन में नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ है। गरियाबंद एसपी निखिल राखेचा, ओडिशा के नुआपाड़ा एसपी राघवेंद्र गूंडाला, ओडिशा डीआईजी नक्सल ऑपरेशन अखिलेश्वर सिंह और कोबरा कमांडेंट डीएस कथैत इस ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं।
मारे गए नक्सली सेंट्रल कमेटी के सदस्य
सुरक्षा बलों की इस कार्रवाई से नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है। मारे गए नक्सली सेंट्रल कमेटी के सदस्य थे, जो संगठन के शीर्ष नेता होते हैं। बस्तर और अबूझमाड़ में सुरक्षा बलों की बढ़ती उपस्थिति और लगातार हो रहे एनकाउंटर के चलते नक्सली अब गरियाबंद की ओर भागने लगे हैं। यह मुठभेड़ इस बात का संकेत है कि नक्सली अब सुरक्षित ठिकानों की तलाश में इधर-उधर मूवमेंट कर रहे हैं।
नक्सलवाद अब अपनी आखिरी सांसें गिन रहा : गृहमंत्री
गृहमंत्री अमित शाह ने जवानों की इस बड़ी कामयाबी पर कहा कि देश में नक्सलवाद अब अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वय से नक्सलियों का खात्मा जल्द ही हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने भी इस ऑपरेशन की सराहना की है और इसे नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
ड्रोन की मदद से नक्सलियों पर निगरानी रखने का यह पहला सफल प्रयोग है। इससे पहले बस्तर के घने जंगलों में मुठभेड़ के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल कारगर साबित नहीं हो पाता था। लेकिन इस बार ड्रोन की मदद से नक्सलियों की सटीक लोकेशन का पता लगाकर सुरक्षा बलों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया।