जन्मदिन पर विशेष: जुझारू समाजसेवी सत्येंद्र यादव का राष्ट्रवादी सोच से जनसेवा तक का प्रेरणादायक सफर

बदायूं। जिले के समाजसेवा के क्षेत्र में एक अलग ही पहचान रखने वाले सत्येंद्र यादव आज समाज को नई दिशा देने वाले, निर्भीक, सच्चे और संघर्षशील व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते हैं। सत्येंद्र यादव जिले के ऐसे पहले व्यक्ति माने जाते हैं, जिन्होंने सत्ता की राजनीति छोड़कर विपक्ष में रहते हुए भी सामाजिक सरोकारों और जनसेवा को प्राथमिकता दी। उनकी राष्ट्रवादी सोच और जनसेवा की भावना ने उन्हें हमेशा भीड़ से अलग और नेतृत्वकर्ता बनाया।

सत्येंद्र यादव ने वर्ष 2009 में मानव एकता स्वयंसेवी संगठन की स्थापना कर सामाजिक समरसता और भाईचारे की नींव रखी। यह संगठन जातिवाद, धर्मवाद और पाखंडवाद से हटकर समाज में एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने का कार्य करता रहा है। उनके इसी विचार से प्रेरित होकर स्वर्गीय राजीव दीक्षित जी से बदायूं में मुलाकात हुई, जिसने उनके जीवन को एक नई दिशा दी।

राजीव दीक्षित जी से प्रेरणा लेकर सत्येंद्र यादव ने स्वामी रामदेव के आंदोलन से जुड़कर पतंजलि संगठन में काम शुरू किया। उनकी लगन और समर्पण को देखते हुए उन्हें बदायूं जिले का जिला प्रभारी नियुक्त किया गया। इसके बाद उन्होंने मंडल प्रभारी और फिर राज्य कार्यकारिणी सदस्य के रूप में संगठन में अहम जिम्मेदारियाँ निभाईं। यही नहीं, उन्होंने स्वामी रामदेव की अधिवक्ता टीम में भी प्रभावशाली भूमिका निभाई।

सत्येंद्र यादव ने योग रथ बनाकर जिले के हर गांव में जाकर योग, आयुर्वेद और स्वदेशी के प्रति लोगों को जागरूक किया। उनके इस प्रयास का परिणाम था कि जिले में प्रथम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन ऐतिहासिक रूप में दर्ज हुआ, जिसमें दर्जनों संगठनों की भागीदारी रही और जिसे प्रमुख समाचार चैनलों ने भी प्रसारित किया।

हालांकि, 2019 में स्वामी रामदेव द्वारा रखी गई नौ शर्तों को न मान पाने के कारण उन्होंने पतंजलि संगठन को अलविदा कह दिया और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। वर्तमान में वे समाजवादी पार्टी में जिला सचिव के रूप में कार्यरत हैं और पूरी निष्ठा से जनसेवा में जुटे हैं।

सत्येंद्र यादव न केवल एक प्रखर वक्ता हैं, बल्कि सामाजिक न्याय, शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर निर्भीकता से आवाज उठाते हैं। वे बिना किसी निजी स्वार्थ या लालच के लोगों की सेवा कर रहे हैं। उनका जीवन जातिवाद, धर्मवाद और पाखंडवाद से ऊपर उठकर एक समर्पित समाजसेवक का उदाहरण प्रस्तुत करता है।

आज उनके जन्मदिवस के अवसर पर समूचा जिला और समाज उन्हें दिल से शुभकामनाएं और बधाई देता है। उनके जैसे निर्भीक, सकारात्मक और कर्मठ नेतृत्व की समाज को आज सबसे अधिक जरूरत है।

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