दूल्हे ने टेबल पर मारी लात, दुल्हन ने कहा, अब शादी नहीं करूंगी

किशनी (मैनपुरी)। शादी की चकाचौंध के बीच एक पल ऐसा आया जिसने पूरे माहौल को थाम दिया। फूलों से सजे मंडप, रोशनी में नहाई रात और गूंजते ढोल-नगाड़ों के बीच अचानक एक टेबल पर पड़ी लात ने सबको चौंका दिया। मामला उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के किशनी थाना क्षेत्र का है, जहां एक लड़की ने आत्मसम्मान की मिसाल पेश करते हुए शादी के अंतिम पड़ाव पर ‘ना’ कह दी।

ग्राम कछपुरा महोली निवासी शिशुपाल सिंह ने अपनी बेटी की शादी एलाऊ थाना क्षेत्र के कछपुरा गांव निवासी शिशुपाल पुत्र रमेश चंद्र के साथ तय की थी। 4 जुलाई की रात बरात धूमधाम से आई, रस्में शुरू हुईं, और वरमाला के बाद जब खाने की बात आई तो माहौल अचानक बदल गया। दूल्हा खाना खाने से इंकार करने लगा। जब उसे बार-बार आग्रह किया गया, तो तुनकमिजाज दूल्हा गुस्से में आ गया और भरी महफ़िल में खाने की टेबल को लात मार दी। इसके बाद वह अपनी कार में जाकर बैठ गया, जैसे कोई छोटा बच्चा नाराज़ होकर कोने में जा बैठता है।

यह देख दुल्हन का पारा चढ़ गया। उसके चेहरे पर पहले हैरानी थी, फिर दृढ़ता। उसने वहीं साफ कह दिया—”जो आदमी शादी से पहले मेरे परिवार का सम्मान नहीं कर सकता, उसके साथ मैं जिंदगी कैसे बिताऊंगी?” तमाम रिश्तेदारों और बड़ों की समझाइश के बाद भी दुल्हन का फैसला नहीं बदला। रात भर यह नाटक चलता रहा। अगले दिन सुबह दोनों पक्ष थाने पहुंचे, जहां पुलिस ने भी समझाने की कोशिश की, लेकिन लड़की अपने निर्णय पर अडिग रही।

थाने में दूल्हा रोता रहा, कहता रहा कि उसे पेट में दर्द था, इसीलिए खाना नहीं खा रहा था। लेकिन यह सफाई भी दुल्हन के दिल को नहीं छू सकी। आखिरकार, दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से एक-दूसरे का सामान लौटाया और बरात बिना दुल्हन के लौट गई।

यह घटना सिर्फ एक शादी टूटने की नहीं, बल्कि उस सोच की जीत है जिसमें लड़कियां अब चुप नहीं रहतीं। जहां पहले लड़कियों से कहा जाता था “अब जो होना था हो गया”, वहीं अब वे गलत को पहचानकर समय रहते फैसला लेने से नहीं हिचकिचातीं। सोशल मीडिया पर यह घटना खूब वायरल हो रही है और लोग दुल्हन की हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं।

Leave a Comment

Read More

Read More