लेखक : संगम यादव
नई दिल्ली। बढ़ती उम्र के साथ शरीर और दिमाग की ताकत धीरे-धीरे कम होती जाती है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा आसान तरीका खोज निकाला है, जिससे यह जाना जा सकता है कि आप असल में कितने ‘स्वस्थ’ हैं। इस नई खोज में अब खून या लार की सिर्फ एक बूंद से यह पता लगाया जा सकता है कि आपकी आंतरिक क्षमता कितनी है, यानी चलने, सोचने, सुनने, देखने और याद रखने की ताकत कितनी बची है और आप कब तक जिंदा रहेंगे। इस प्रक्रिया को इंट्रिंसिक कैपेसिटी कहा जाता है।
ये टेस्ट न केवल आपकी उम्र को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि आप भविष्य में कितने स्वस्थ रहेंगे। इस खोज से बुजुर्गों की बेहतर देखभाल और लंबी, स्वस्थ जिंदगी की उम्मीद को नया आधार मिला है।
कैसे काम करता है यह नया टेस्ट
वैज्ञानिकों ने पाया है कि खून या लार में मौजूद डीएनए मेथेलेशन नाम की प्रक्रिया के जरिए शरीर की असली हालत पता की जा सकती है। इससे बना टेस्ट डीएनएएम आईसी कहलाता है। इस प्रक्रिया में यह देखा जाता है कि आपके जीन (genes) कैसे काम कर रहे हैं, और यह आपकी जीवनशैली, खानपान और बीमारियों से बदलते रहते हैं। इस टेस्ट को करने के लिए न किसी मशीन की जरूरत है और न ही अस्पताल जाने की। सिर्फ एक साधारण सैंपल से यह पता चल सकता है कि आप कितने स्वस्थ हैं और भविष्य में आपकी सेहत कैसी रह सकती है।
इस टेस्ट से क्या-क्या पता चलता है
इस रिसर्च में 20 से 102 साल तक के 1,000 से ज्यादा लोगों के डेटा का अध्ययन किया गया। इसमें पाया गया कि जिन लोगों का डीएनएएम आईसी स्कोर ज़्यादा था, उनके फेफड़े अच्छी तरह काम कर रहे थे। वे तेजी से चलते थे,हड्डियां मजबूत थीं और वे खुद को स्वस्थ महसूस करते थे, इतना ही नहीं, जिन लोगों का स्कोर अच्छा था, वे औसतन 5.5 साल ज्यादा जिए।
20 से 102 वर्ष की उम्र के 1,014 लोगों को रिसर्च में शामिल किया गया
अमेरिका के बक इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन एजिंग, फ्रांस के टूलूज़ विश्वविद्यालय अस्पतालऔर मॉटपेलीयर संस्थानों के वैज्ञानिकों ने फ्रांस के टूलूज़ शहर के आस-पास रहने वाले 20 से 102 वर्ष की उम्र के 1,014 लोगों को रिसर्च में शामिल किया गया। इसके अलावा, अमेरिका की फ्रामिंघम हार्ट स्टडी से भी डेटा लेकर इस नई टेस्ट विधि की पुष्टि की गई। इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने खून और लार की जांच कर यह पता लगाया कि किसी व्यक्ति की “आंतरिक क्षमता” यानी उम्र के साथ उसकी मानसिक और शारीरिक शक्ति किस गति से घट रही है, और इससे उसकी वास्तविक सेहत और दीर्घायु की भविष्यवाणी की जा सकती है। इस रिसर्च को नेचर एजिंग पत्रिका में चार जून को प्रकाशित किया गया। इस अध्ययन का नेतृत्व डॉ. मातियास फुएंतेआल्बा (Dr. Matías Fuentealba) ने किया। जिनके साथ फ्रांस और अमेरिका के कई अन्य वरिष्ठ शोधकर्ता शामिल थे।
कैसे बढ़ा सकते हैं अपनी आंतरिक क्षमता?
अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने तेल वाली मछली (जैसे सैल्मन, टूना) खाई और चीनी की मात्रा सीमित रखी, उनका डीएमएएम आईसी स्कोर बेहतर था। मछली में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड दिमाग और शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। वहीं, ज़्यादा चीनी खाने से शरीर में सूजन और बीमारियां बढ़ती हैं।