बरेली। बुधवार देर शाम आई तेज आंधी और बारिश ने बरेली शहर की बिजली व्यवस्था को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया। लगभग आधे शहर में बिजली गुल हो गई। जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शहर के कई इलाकों में पेड़ और बिजली के पोल गिरने से हालात और बदतर हो गए। तेज हवाओं के चलते कई जगहों पर बिजली के तार टूट गए, जिससे अंधेरा छा गया। 14 घंटे की लंबी मशक्कत के बाद गुरुवार सुबह कुछ इलाकों में बिजली की आपूर्ति फिर से बहाल हो सकी।
तेज हवाओं के साथ आई बारिश ने बिगाड़ा बिजली तंत्र
बुधवार रात करीब 9 बजे से शहर के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। तेज हवाओं और भारी बारिश ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। सुभाषनगर, नेकपुर, मणिनाथ, और किला जैसे प्रमुख इलाकों में बिजली आपूर्ति बंद हो गई, जिससे लोग घंटों तक अंधेरे में रहे। सिविल लाइंस, बारादरी, एजाजनगर और बिथरी चैनपुर जैसे क्षेत्रों में भी बिजली की समस्या रही, जहां इनवर्टर और बैटरी के जवाब दे जाने से लोग परेशान हो गए।

सुभाषनगर और मणिनाथ इलाके में हालात गंभीर
सुभाषनगर, नेकपुर और मणिनाथ के इलाकों में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह से ठप रही। बारिश के साथ आई आंधी से यहां बिजली के कई पोल और पेड़ गिर गए, जिससे हालात और बिगड़ गए। बसंत विहार इलाके में हाईटेंशन लाइन का एक पोल गिर गया, जबकि सिविल लाइंस और चौपला क्षेत्र में ट्रांसफार्मर के केबल जल गए। पीलीभीत बाईपास रोड पर भी बारिश और आंधी के चलते पेड़ गिर गए, जिससे बिजली की तारें टूट गईं।
सड़कों पर जलभराव और पेड़ों के गिरने से यातायात बाधित
तेज बारिश के कारण सड़कों पर जलभराव हो गया। नेकपुर-मणिनाथ रोड पर लोग जलभराव के बीच से गुजरने को मजबूर हो गए। कई इलाकों में सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। कर्मचारी नगर, कैंट और बदायूं रोड के कुछ हिस्सों में भी पेड़ों के गिरने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।
14 घंटे बाद बहाल हुई बिजली
गुरुवार सुबह 10 बजे तक बिजली की आपूर्ति कुछ इलाकों में बहाल की जा सकी। 14 घंटे तक बिजली कटौती के चलते लोगों को पीने के पानी की भी समस्या का सामना करना पड़ा। घरों में अंधेरा छाया रहा, और मोबाइल तक चार्ज नहीं हो सके। बारिश और आंधी के बाद सामान्य जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया।
कृषि क्षेत्र में भी नुकसान
तेज हवाओं और बारिश से न केवल शहरी जीवन प्रभावित हुआ, बल्कि ग्रामीण इलाकों में धान की फसल भी बुरी तरह प्रभावित हुई। कृषि विज्ञानियों के अनुसार, धान की फसल में बाली आने का समय है, और ऐसे में तेज हवाएं फसल को नुकसान पहुंचा सकती हैं। किसान तेज हवाओं से फसल के गिरने और नुकसान को लेकर चिंतित हैं।
प्रशासन की चुनौतियां और बिजली विभाग की सक्रियता
बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी रात भर हालात को नियंत्रित करने में जुटे रहे। बारिश और आंधी के बाद गिरे हुए बिजली के पोल और टूटे हुए तारों को ठीक करने के लिए बिजली कर्मचारियों को पूरी रात काम करना पड़ा। बरेली शहर के किला, सुभाषनगर, मणिनाथ और बसंत विहार जैसे क्षेत्रों में बिजली बहाल करने के लिए अधिकारियों ने तेजी से काम किया।
हालांकि, बिजली विभाग ने स्थिति को सामान्य करने के लिए प्रयास किए, लेकिन 14 घंटे की लंबी बिजली कटौती ने लोगों की दैनिक जीवनचर्या को बुरी तरह प्रभावित किया। अब जबकि गुरुवार सुबह कुछ इलाकों में बिजली सप्लाई बहाल हो चुकी है, फिर भी कई इलाके अभी भी बिजली से वंचित हैं।
प्रशासन के लिए यह समय चुनौतियों से भरा
तेज बारिश और आंधी ने बरेली शहर में कई प्रशासनिक चुनौतियों को जन्म दिया है। जलभराव, बिजली आपूर्ति में रुकावट, और पेड़ों के गिरने से शहर की संरचना बुरी तरह प्रभावित हो गई है। प्रशासन को इन समस्याओं से निपटने के लिए तेज और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की स्थितियों से बचा जा सके।
बिजली कटौती से लोगों की परेशानी
बिजली की समस्या ने लोगों को घरों में कैद कर दिया। बिजली न होने से जहां इनवर्टर और बैटरी जवाब दे गए, वहीं पानी की सप्लाई भी प्रभावित हो गई। लोगों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हुआ। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर घर के अन्य काम भी ठप हो गए। इस दौरान कई इलाकों में मोबाइल चार्ज न होने से लोगों को अपने संपर्क बनाए रखने में भी परेशानी हुई।