बरेली में मोहम्मदी के जुलूस पर विवाद, दो समुदाय आमने-सामने, पुलिस ने स्थिति संभाली

Tension over Mohammadi procession in Bareilly, police took out procession from new route बरेली में मोहम्मदी के जुलूस पर विवाद, दो समुदाय आमने-सामने, पुलिस ने स्थिति संभाली

बरेली में रविवार रात को मोहम्मदी के जुलूस को लेकर दो समुदायों के बीच तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई। बारादरी इलाके के मौर्य वाली गली और बुखारपुरा में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। हिंदू संगठनों ने अंजुमनों को रोकते हुए नारेबाजी की और विरोध जताया। हिंदू पक्ष का कहना था कि जब कांवड़ यात्रा को मुस्लिम समुदाय ने रोका था, तो अब वे भी मोहम्मदी के जुलूस को इसी रास्ते से नहीं निकलने देंगे।

इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच पुलिस और प्रशासन को मौके पर बुलाया गया। एसपी सिटी बरेली, यूपी एसएसएफ कमांडेंट राहुल भाटी, पीएसी के जवान और पांच थानों की पुलिस फोर्स देर रात तक मौके पर तैनात रही। भीड़ को शांत करने के प्रयास किए गए और अंततः प्रशासन ने परिवर्तित रूट से जुलूस निकलवाया।

हिंदू संगठनों का विरोध और नारेबाजी

हिंदू संगठनों ने अंजुमनों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जुलूस का रास्ता रोक दिया। उनका आरोप था कि कांवड़ यात्रा के दौरान मुस्लिम समुदाय ने भी हिंदू यात्रा को रोका था, इसलिए अब वे भी मोहम्मदी के जुलूस को अपने क्षेत्र से नहीं निकलने देंगे। जुलूस के पोस्टरों में लिखा था, “तुम नकाब में रहो, दुनिया औकात में रहेगी,” जिससे दोनों समुदायों के बीच तनाव और बढ़ गया।

पिछले साल भी इसी इलाके में जुलूस के दौरान विवाद हुआ था, और इस साल के कांवड़ यात्रा के दौरान भी हिंसा और पथराव की घटनाएं सामने आई थीं। इसी कारण से इस बार प्रशासन विशेष रूप से सतर्क था और जुलूस को नए रूट से निकालने का निर्णय लिया गया।

भाजपा नेताओं की हस्तक्षेप

रात के समय भाजपा नेताओं, जैसे संजीव शर्मा उर्फ दद्दा, राजेश, राजकिशोर, और राजेंद्र ने भी मौके पर पहुंचकर हिंदू पक्ष को शांत करने का प्रयास किया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से बातचीत की और हिंदू समुदाय को समझाने की कोशिश की। संजीव शर्मा ने बताया कि तीन महीने पहले मोहर्रम के दौरान एक पुराने विवाद को सुलझाकर शांति स्थापित की गई थी, लेकिन इस बार फिर से डीजे बजाने और जुलूस के रास्ते को लेकर टकराव हुआ।

परिवर्तित रूट से निकाला गया जुलूस

प्रशासन ने मुस्लिम समुदाय के आयोजकों को नए रूट से जुलूस निकालने की अनुमति दी। बुखारपुरा से बुध मस्जिद होते हुए जुलूस को नए मार्ग से निकाला गया, जो जगतपुर चौकी से जवाहर स्कूल तक था। हिंदू पक्ष ने इस शर्त पर जुलूस को निकलने दिया कि मुस्लिम पक्ष डीजे का उपयोग नहीं करेगा। दोनों पक्षों के बीच इस सहमति से जुलूस शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।

सुरक्षा और सावधानी

तनाव को देखते हुए प्रशासन पहले से ही सतर्क था। आयोजकों और पुलिस के बीच शनिवार रात को ही बैठक हो चुकी थी, जिसमें जुलूस के नए रूट पर सहमति बनाई गई थी। बारादरी इलाके में पिछले साल हुए विवाद के बाद इस साल भी हिंसा की आशंका थी, इसलिए पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव ने मौके पर वीडियो ग्राफी कराते हुए जुलूस निकलवाए, जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका जा सके।

परम्परागत रूट पर जुलूस को लेकर विरोध

मुस्लिम आयोजकों की ओर से यह मांग की जा रही थी कि जुलूस को परंपरागत रूट से ही निकाला जाए, लेकिन प्रशासन ने पिछले साल के टकराव को ध्यान में रखते हुए नए रूट से जुलूस निकालने का निर्णय लिया। ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर 15 और 16 सितंबर को बरेली शहर में जुलूस निकाले गए। आयोजकों ने परंपरागत रूप से अपने-अपने अंजुमनों की तैयारियां कर रखी थीं, लेकिन इस बार प्रशासन ने नए मार्गों का उपयोग करते हुए जुलूस को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करवाया।

सुरक्षा और शांति की अपील

इस पूरी घटना के बाद प्रशासन ने सभी समुदायों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की। पुलिस की तत्परता और प्रशासनिक हस्तक्षेप से बरेली में इस बार किसी बड़ी घटना को टाला जा सका, लेकिन दोनों समुदायों के बीच टकराव की स्थिति को देखते हुए भविष्य में भी सतर्कता बरतने की जरूरत है।

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