बरेली। कैंट इलाके में सोमवार शाम को धोपेश्वरनाथ मंदिर के सामने से अंजुमन जुलूस निकाले जाने पर तनाव का माहौल पैदा हो गया था। मंगलवार को इसके विरोध में एक पक्ष ने प्रदर्शन किया। जिसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच समझौता कराया। पुलिस ने थाने में बैठक बुलाकर दोनों पक्षों के लोगों से सहमति बनाई कि भविष्य में मंदिर के सामने से कोई भी अंजुमन जुलूस या डीजे नहीं निकाला जाएगा।
सोमवार शाम को जब अंजुमन का जुलूस धोपेश्वरनाथ मंदिर के सामने से गुजरा, तो इससे कुछ लोगों में नाराज़गी उत्पन्न हुई। घटना की सूचना पर मंगलवार को मंदिर के पुजारी अमित गोस्वामी के नेतृत्व में कई लोग मंदिर परिसर में एकत्रित हुए और विरोध प्रदर्शन किया। नाराज लोगों ने जुलूस निकालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पुलिस द्वारा समझाने पर भी भीड़ शांत नहीं हुई और थाने में जाकर नारेबाजी करने लगी।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने दूसरे पक्ष को भी थाने बुलाया और दोनों पक्षों के बीच समझौता कराया। सहमति इस बात पर बनी कि मंदिर के सामने से भविष्य में कोई धार्मिक जुलूस या डीजे नहीं निकाला जाएगा। इसके अलावा, जुलूसों में बाहरी लोगों को बुलाने, देर रात तक जुलूस निकालने और बाइक पर बिना साइलेंसर के तीन सवारियों के चलने पर भी प्रतिबंध लगाने की सहमति दी गई।
इस समझौते में दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए। इस तरह की नई परंपरा शुरू करने की किसी भी कोशिश पर कार्रवाई की जाएगी। इंस्पेक्टर ने दोनों पक्षों को समझाकर लिखित में फैसला करा दिया।
एक पक्ष से कालीबाड़ी मंडल के महामंत्री अमर सिंह राठौर, विश्व हिंदू परिषद के महानगर अध्यक्ष आशु अग्रवाल, रजत गुप्ता, अक्कू गोस्वामी, बंटी यादव, किशन मेहता, मोहित यादव, कृष्णा यादव, पंडित घनश्याम जोशी आदि लोग मौजूद रहे। वहीं, दूसरे पक्ष के इश्तत्याक व इमरान आदि ने समझौते पर दस्तखत किए।