संवेदनशीलता की मिसाल: डीएम औरैया डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी

संजय जैन, दैनिक उजाला24। सरकारी अधिकारी यदि अपनी संवेदनशीलता से काम करें, तो वे जनता में शासन की अच्छी छवि बनाने में सफल हो सकते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण देखने को मिला जब जिलाधिकारी डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने एक बुजुर्ग महिला की मदद की, जिससे उनके प्रति लोगों का विश्वास और बढ़ गया है।

हाल ही में, ककोर की एक वृद्धा अपनी शिकायत लेकर डीएम कार्यालय पहुंची। बुजुर्ग महिला, वीणा देवी, ने बताया कि उसके परिजनों ने उसकी जमीन का नाम गलत दर्ज करवा दिया है, जिससे वह कई महीनों से तहसील के चक्कर काट रही थी। उसने डीएम से सहायता मांगी, और डॉ. त्रिपाठी ने उसकी बात को गंभीरता से सुना।

डीएम ने तुरंत तहसीलदार अजीतमल को इस मामले का निस्तारण करने का आदेश दिया। सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने वीणा देवी को सरकारी गाड़ी से उसके गांव तक भी पहुंचाया, जिससे उसकी समस्या का समाधान किया जा सके।

यह पहली बार नहीं है जब डॉ. त्रिपाठी ने इस तरह की मानवता दिखाई है। इससे पहले भी उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे एक ग्रामीण से उसकी शिकायत सुनते हुए उसका परांठा खा रहे हैं। यह दृश्य दर्शाता है कि वे न केवल अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हैं, बल्कि जनता के साथ मानवीय संबंध भी स्थापित करते हैं।

डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी की यह पहल न केवल प्रशासनिक सुधारों का प्रतीक है, बल्कि यह लोगों में शासन के प्रति विश्वास को भी बढ़ावा देती है। ऐसे अधिकारी ही वास्तव में संवेदनशीलता की मिसाल बनते हैं, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाते हैं।

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